जब घर पर कोई नही था तो भैया ने मुझे कई छोड़ा

Jab ghar par koee nahi tha to bhaiya ne mujhe kee chhora

अधिक दिखाएं
Video Transcription

मेरी सत्रह साल की बेटी छुट्टियों में हॉस्टल से घर आई थी, लेकिन घर आने के बाद से वह अपने पिता के बेड्रूम में ही सोने लगी थी.

हर रोज आधी रात को उनके कमरे से उसकी चीखों की अलग-अलग आवाजें आती थी.

एक दिन जब मैंने आधी रात को उसके कमरे में जहांका, तो उसके मुँख के पास उसके बाबा को देखकर मेरे होष उड़ गए, क्योंकि उसके बाबा की,

हैलो दोस्तों, आज की इस कहानी में आप सभी का स्वागत है, मेरा नाम सरोजनी है, मैं शादी शुदा हूँ.

मेरे पती और मैं, मेरे घर में केवल दो ही लोग रहा करते थे. हम दोनों चाहते थे कि हमारी बेटी पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी करें.

अधिक दिखाएं
टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ पोस्ट करने के लिए कृपया करें या करें